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कहाँ गयी ममता………………..

modern social problems
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आदरणीय संतोष जी की पोस्ट
http://santo1979.jagranjunction.com/2011/11/14/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AB-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AA/
में तो सरला ने उस बच्चे को पचास रुपये का नोट दिया लेकिन आज जब मैं फार्म की दुकान पर खड़ा तो तो एक पांच या छः साल की बच्ची आते जाते लोगों से भीख मांग रही थी तो जब वह एक लड़की के पास पहुची तो उस ने उस बिचारी को कहा मारेंगे एक थप्पड़ दिमाग ठीक हो जाएगा.
इतना सुनते ही मुझे काफी गुस्सा आया कि उस बिचारी को अगर वो कुछ दे नहीं सकती थी तो उसने उसे गाली क्यों दी?
मेरा तो मन किया कि उस को खींच के एक थप्पड़ मार के उसका दिमाग ठीक कर दूं लेकिन क्या करूँ अपना ये समाज है ना मुझे ही लड़की छेड़ने का आरोपी बना देगा , इसलिए मुझे चुप रहना पड़ा.
अगर उसके पास पैसे नहीं थे तो उससे प्यार से भी बोल सकती थी,
लेकिन उसने नहीं बोला क्योंकि वो गरीब थी……….
फिल्म तमन्ना का एक बहुत ही प्यारा गाना है
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ करलें.
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए
.
कहा जाता है कि औरत ममता से ओत-प्रोत होती है, लेकिन आज मेरा यह भ्रम टूटता नज़र आ रहा उस की वजह से………..
वैसे आज बाल दिवस भी था.
लेकिन किनके लिए?
अजय कुमार
8090919542

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